“28–29 अगस्त 2025 में भारी मानसूनी बारिश और बाढ़ ने देश को हिलाकर रख दिया: पंजाब से हरियाणा, J&K से छत्तीसगढ़ तक तबाही, IMD डेटा, प्रशासनिक राहत प्रयास, और आगे की तैयारी के साथ विस्तृत रिपोर्ट।”
. बारिश की तीव्रता और उसका विश्लेषण
2025 का मॉनसून असाधारण रूप से सक्रिय रहा — IMD की रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब ने सामान्य से 1272% अधिक, हरियाणा ने 702% और हिमाचल प्रदेश ने 554% बारिश दर्ज की, जिससे बाढ़ जैसा हाल सामने आया है The Economic Times।
NDTV ने इस मौसम की तीव्रता को हिमालयी राज्यों में मूसलाधार, फ्लैश फ्लड और क्लाउडबर्स से जोड़ा है www.ndtv.com।
2. क्षेत्रवार बाढ़ का असर
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जम्मू और कश्मीर: वैष्णो देवी के पास भारी बारिश के बाद भूस्खलन हुआ, जहां लगभग 33 लोगों की मौत हुई ReutersAP NewsAl Jazeera।
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असम: गुवाहाटी में 39 स्थानों पर बाढ़ फैली, एक व्यक्ति की मौत और एक लापता बताया गया—राज्य आपदा प्रबंधन ने अलर्ट जारी किया The Economic Times।
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हरियाणा (जिंद): 2023-2025 के मध्य लगभग 37% बारिश में वृद्धि हुई—12 गांव जलमग्न और फसलों को भारी नुकसान हुआ The Times of India।
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छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र (भामरगढ़ क्षेत्र): मानसून में चौथी बार बाढ़ के कारण लगभग 80 गांव कटे और गर्भवती महिला को SDRF ने बचाया; राहत कार्य चल रहे हैं
पंजाब-पाकिस्तान सीमा: पोंग बांध में जुलाई-अगस्त 2025 में ऐतिहासिक 9.68 billion m³ पानी दर्ज हुआ—1988 और 2023 के रिकॉर्ड पार The Times of India।
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पोंग बांध: BBMB ने नियम-आधारित (rule curves) तरीके से जलवहन प्रबंध किया और अगस्त में सात तकनीकी समितियों की बैठकें कर पानी की नियंत्रित रिहाई सुनिश्चित की The Times of India।
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छत्तीसगढ़: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने संबंधित जिलों में त्वरित राहत—तिरपाल, बाँस, भोजन, चिकित्सा, पेयजल, बिजली, पुल और सड़क पुनर्स्थापना—पर बोझदार ध्यान दिया Indiatimes
3. बारिश के कारण और वैज्ञानिक व्याख्या
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने बताया कि यह मॉनसून असामान्य था, दक्षिण-पश्चिम मानसून देश भर में सामान्य से छह से नौ दिन पहले सक्रिय हुआ। राजस्थान, हिमाचल, उत्तराखंड, दिल्ली, लद्दाख, जम्मू-कश्मीर और पंजाब में रिपोर्टेड बारिश औसत से कहीं अधिक रही www.ndtv.com।
Down To Earth रिपोर्ट में इस मॉनसून को “जलवायु परिवर्तन का परिणाम” कहा गया है, जिसने पश्चिमी विक्षोभ और ग्लोबल वार्मिंग के संयोजन से इस आपातकालीन स्थिति को जन्म दिया Down To Earth।
4. प्रशासन की प्रतिक्रिया और राहत काम
भविष्य की तैयारी और सावधानियाँ
IMD ने 28–29 अगस्त के लिए कई राज्यों में भारी बारिश और बाढ़ की चेतावनी पहले ही जारी कर दी थी—जैसे कि उत्तराखंड, पूर्वी राजस्थान, दक्षिण भारत, पूर्वोत्तर क्षेत्र और तटीय राज्यों में सतर्कता की सलाह Times Now NavbharatPatrika News।
रेल और सड़क मंत्रालयों को भी अवनत बुनियादी ढांचे के लिए सचेत किया गया है।
भारत के कई हिस्सों में 28–29 अगस्त को आई अप्रत्याशित भारी बारिश ने हालात को आपातकालीन बना दिया। चाहे वह हिमालय के भूस्खलन हों, गांवों में पानी भरना, बांधों में अत्यधिक जल प्रवाह या प्रशासन द्वारा राहत और बचाव की गतिविधियाँ—इन सभी से साफ है कि हमें भविष्य के लिए बेहतर पूर्वानुमान, अवसंरचना और जल आपदा प्रबंधन की आवश्यकता है।
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